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Mauritius government big decision for the consecration of Shri Ram temple in Ayodhya/अयोध्या के श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए मॉरीशस की सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, जानकर होगा गर्व

प्रतीकात्मक फोटो।- India TV Hindi

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले मॉरीशस की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके बारे में जानकर आपको भी गर्व होगा। बता दें कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां आखिरी चरण में हैं। देश-दुनिया में इसके लाइव प्रसारण की व्यवस्था की जा रही है। भारत से लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया जैसे तमाम देशों में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अप्रवासी भारतीयों में भारी उत्साह है। इस बीच मॉरीशस सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के ‘‘ऐतिहासिक’’ प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान पूजा-अर्चना में शामिल होने के लिए हिंदू धर्म के लोकसेवकों को दो घंटे का विशेष अवकाश देने का निर्णय किया है।

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। समारोह का सीधा प्रसारण किया जाएगा। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘कैबिनेट ने सोमवार 22 जनवरी 2024 को भारत के अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के संदर्भ में यहां हिंदू धर्म मानने वाले लोकसेवकों को दिन में दो बजे से दो घंटे के लिए विशेष छुट्टी देने पर सहमति व्यक्त की है, क्योंकि यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो अयोध्या में भगवान राम की वापसी का प्रतीक है।’’ हिंदू धर्म के अनुयायियों की संख्या मॉरीशस में सबसे अधिक है। 2011 में हिंदुओं की आबादी लगभग 48.5 प्रतिशत थी।

मॉरीशस में हिंदू धर्म है काफी प्रचलित 

मॉरीशस अफ्रीका का एकमात्र देश है जहां हिंदू धर्म सबसे अधिक प्रचलित धर्म है। प्रतिशत के संदर्भ में राष्ट्र हिंदू धर्म के प्रसार में नेपाल और भारत के बाद विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है। इस देश में हिंदू धर्म तब आया जब भारतीयों को गिरमिटिया मजदूर के रूप में औपनिवेशिक फ्रांसीसी और बाद में मॉरीशस एवं हिंद महासागर के पड़ोसी द्वीपों में ब्रिटिश बागानों में काम करने के लिए बहुत बड़ी संख्या में लाया गया था। प्रवासी मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से आए थे। ​ (भाषा)

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